चौक टीम, जालोर। लोकसभा चुनावों में अब एक माह से कम समय रह गया है और जालोर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के वैभव गहलोत और भाजपा के लुम्बाराम चौधरी दक्षिण भारत के राज्यों का दौरा करके आ चुके हैं। इस क्षेत्र में जब-जब चुनाव आते हैं, चाहे वह पंचायतों के हों या विधानसभा-लोकसभा के, दक्षिण भारतीय राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंधप्रदेश, तमिलनाडु में सरगर्मियां बढ़ जाती हैं।
7 लाख से अधिक प्रवासी करते हैं दूसरे राज्यों में काम
दरअसल, जालोर-सिरोही क्षेत्र के करीब 7 लाख लोग महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु आदि राज्यों में रोजगार के लिए जाते हैं। ऐसे में इस बड़े वोट बैंक को साधने के लिए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस-भाजपा सहित प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों के साथ उनके समर्थक प्रवास में सक्रिय हैं। इस बार जालोर-सिरोही सीट से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत और भाजपा ने लुंबाराम चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। दोनों ही दलों के प्रत्याशी अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए लगातार अलग अलग राज्यों में प्रवासियों से मिलकर उनकी समस्याओं की सुनवाई कर रहे हैं।
ट्रेन कनेक्टिवटी है सबसे बड़ा मुद्दा
दिलचस्प है कि लगातार 20 वर्ष तक भाजपा का सांसद होने के बावजूद सीधी कनेक्टिविटी के नाम पर दोनों जिलों के लिए सिर्फ एक ही ट्रेन है और दूसरी ट्रेन अहमदाबाद तक है, जहां से साउथ के लिए दूसरी ट्रेनें पकड़नी पड़ती है। चाहे कोई त्योहार हो या शादियों का सीजन, ट्रेन में टिकट न मिलना बड़ी समस्या है। 3-4 महीने की वेटिंग चलती है। होली, दिवाली के टाइम पर तो स्थितियां और खराब हो जाती हैं। अब ऐसे में सवाल है कि पिछले 10 साल से केंद्र में शासन करने वाली भाजपा के उम्मीदवार किस तरह प्रवासी राजस्थानियों के सवालों का सामना करते होंगे।
जालोर के कांग्रेस नेता वीरेंद्र जोशी का कहना है कि भाजपा हर चुनावी साल में प्रवासियों से ट्रेनों के वादे तो जरूर करती है पर उसे निभाती कभी नहीं है। वर्ष 2004 से लगातार जालोर-सिरोही क्षेत्र से भाजपा का सांसद है, इसके अलावा केंद्र में पिछले 10 सालों से भाजपा की सरकार रही है, फिर भी प्रवासियों की समस्या को दूर नहीं किया है। चुनाव के समय जरूर उनसे नए नए वादे किए जाते है पर उनकी समस्याएं जस की तस बानी हुई है।
जयपुर दिल्ली के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं
जोधपुर चेन्नई एक्सप्रेस को प्रतिदिन करने की जरूरत है। सबसे पुरानी नवजीवन एक्सप्रेस को अहमदाबाद से जोधुपर तक बढ़ाया जाए ताकि प्रवासी बिना ट्रेन चेंज किए अपने घरों तक आ सकें। प्रवासियों ने चेन्नई से जालोर सिरोही के लिए नई रेलगाड़ियां शुरू करने की भी मांग की है। जालोर होते हुए जयपुर दिल्ली के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं है। ट्रेनों को लेकर हाल ही में कुछ घोषणाएं जरूर हुई हैं लेकिन लोगों का कहना है कि ये सिर्फ चुनावी घोषणाएं है।